गर्मी का मौसम शुरू हुआ कि नहीं लोग सॉफ्ट ड्रिंक पीना शुरू कर देते हैं बिना ये सोचे कि इसके साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं जो आपके मां बनने के सपने के रास्ते में बाधा बन सकता है। पल भर का आराम आपके पापा बनने की संभावना को खतरे में डाल सकता है। क्यों अचरज में पड़ जा रहे हैं? हाल के एक रिसर्च से ये पता चला है कि सॉफ्ट ड्रिंक या सोडा पेय पीने से गर्भपात होने से लेकर माता-पिता बनने की संभावना कम हो जाती है।
नपुंसकता के लिए शहरों की बेहद व्यस्त जीवनशैली को जहां सबसे बड़ी वजह माना जाता है, वहीं चिकित्सकों का कहना है कि सोडायुक्त कृत्रिम पेय का सेवन भी नपुंसकता ला सकती है। इस तरह के पेय में कृत्रिम स्वीटनर एस्पार्टामे का इस्तेमाल किया जाता है, जो मनुष्यों में अंत:स्रावी प्रणाली को बाधित कर सकता है। इससे हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है और महिलाओं में नपुंसकता के खतरे को बढ़ाता है।
दिल्ली के इंदिरा आईवीएफ में विशेषज्ञ अरविंद वैद ने बताया, "करीब सभी सॉफ्ट ड्रिंक और सोडा पेय में एस्पार्टा में होता है, जो नपुंसकता, कुरूपता और गर्भपात जैसी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।" उन्होंने कहा, "इस तरह के कृत्रिम पेय का अत्यधिक सेवन करने से हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है, जिसके कारण अंडकोष से जुड़े विकार हो सकते हैं।"
विशेषज्ञों का कहना है कि एस्पार्टामे में मौजूद फेनिलएलानिन और एस्पार्टिक एसिड ऐसे दो अमीनो एसिड हैं, जिन्हें दूसरे अमीनो एसिड के साथ सेवन करने से कोई हानि नहीं होती, लेकिन जब इन्हें बिना किसी दूसरे अमीनो एसिड के साथ लिया जाता है तो ये फ्री रेडिकल्स का उत्पादन तेज कर देते हैं, जिससे कोशिकाएं खत्म होने लगती हैं।
वैद ने कहा, "शुक्राणु और अंडाणु भी कोशिकाएं ही हैं तथा कृत्रिम पेय के अत्यधिक सेवन से इन कोशिकाओं के खत्म होने की आशंका 90 फीसदी बढ़ जाती है। चिकित्सक और विशेषज्ञ हमेशा यही सलाह देते हैं कि ऐसे खाद्य या पेय पदार्थो का सेवन न किया जाए, जो फ्री रेडिकल्स का उत्पादन बढ़ाते हैं।"
सफदरजंग अस्पताल में स्त्रीरोग विशेषज्ञ रचना जैसवार का कहना है कि सोडायुक्त कृत्रिम पेय पदार्थो के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बाधित होती है, जिसके कारण व्यक्ति का वजन बढ़ता है और हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है, जो नपुंसकता की बड़ी वजह है।
सौजन्य: IANS Hindi
चित्र स्रोत: Shutterstock
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